Algo Trading Kya Hai ? Algo Trading Kaise Kam Karta Hai ?

एल्गो ट्रेडिंग क्या है ? (Algo Trading)

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एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) क्या है ?

एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading), ट्रेडिंग की एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम कंप्यूटर प्रोग्राम के द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं, इसे हम एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग भी कहते है। एल्गो ट्रेंडिंग का प्रयोग हम इसलिए करते हैं क्योंकि इससे ट्रेडिंग की प्रक्रिया तेजी से और सटीक और हमारे भावनाओं से मुक्त होती है। एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) का प्रयोग मुख्यतः बड़े निवेशक, हेडिंग फंड और बड़ी-बड़ी वित्तीय संस्थाएं करती हैं। लेकिन आज के समय में एल्गो ट्रेडिंग का प्रयोग हम आम निवेशक भी कर सकते हैं। कुछ ब्रोकर आपको एल्गो ट्रेडिंग की सेवाएं देती है जिसमें UPSTOX ANGELONE हैं।

एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) कैसे काम करता हैं ?

एल्गो ट्रेडिंग कैसे काम करता हैं ?

एल्गो ट्रेंडिंग का प्रयोग करने के लिए हमें सबसे पहले कंप्यूटर प्रोग्राम एवं एल्गोरिथम का प्रयोग करके एक कोड बनाना होता है। जिससे किसी शेयर की खरीदी और बिक्री हो सके। एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) किस प्रकार कार्य करती है इसके बारे में मैने नीचे विस्तार से बताया हुआ है :—

  1. एल्गोरिदम का विकास :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) करने के लिए हमें सबसे पहले एल्गोरिथम का विकास करना होता है। एल्गोरिथम का विकास करने के लिए हमें ट्रेडिंग रणनीति या ट्रेडिंग सेटअप के लिए कोड बनाना होता है, जिससे वह शेयर में खरीदी और बिक्री कर सके।
  2. डेटा इनपुट और संकेतकों का उपयोग :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) के लिए हमें रियल टाइम डाटा की जरूरत पड़ती है। जिससे बाजार के खुलते ही हमारा एल्गोरिथम काम करने लगे और रियल टाइम डाटा की प्रयोग से वह किसी भी शेयर की वैल्यू, कीमत और अन्य डाटा को ट्रैक कर सके इसके लिए हमें डाटा इनपुट और संकेत का प्रयोग करना होता है। जैसे ही संकेत का प्रोग्राम को पता चलती है तो वह शेयर में खरीदी और बिक्री प्रारंभ करता है।
  3. ट्रेडिंग रणनीतियों का परीक्षण :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) में कोड और डाटा इनपुट कर लेने के बाद हमें अपने एल्गोरिथम का परीक्षण करना होता है, इसे हम बैकटेस्ट भी कहते हैं। यह बैकटेस्टिंग हमें यह बताता है कि हमारा एल्गोरिथम कितना सही है। अगर इसमें किसी प्रकार की त्रुटि होती है तो हम इसमें सुधार करते हैं।
  4. ट्रेडिंग के लिए संकेत :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) में हम ट्रेडिंग के संकेत कोड में लगाते हैं और जैसे ही इस संकेत को बाजार में मैच करता है तो एल्गो ट्रेडिंग में सिग्नल उत्पन्न होता है। जिससे वह खुद बाय और सेल करना प्रारंभ कर देता है।
  5. ट्रेडिंग आदेशों का निष्पादन :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) में संकेत मिलने के बाद वह अपने ऑर्डर को एग्जीक्यूट करना प्रारंभ कर देता है। यह इतना तेजी से होता है कि हम इंसान इसकी तुलना में कार्य नहीं कर सकते जिससे हमें सटीक जगह शेयर को खरीदने में या बेचने में आसानी होती है।
  6. ऑर्डर के प्रकार :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) में हमें ऑर्डर के प्रकार बताने होते हैं कि हम किस ऑर्डर में शेयर की खरीदी और बिक्री करेंगे जैसे :— मार्केट ऑर्डर – जिसमें हम शेयर्स को तुरंत खरीद या बेच सकते हैं। लिमिट ऑर्डर – यह एक निश्चित कीमत पर या उससे बेहतर कीमत पर खरीद या बेच सकता है। स्टॉप लॉस ऑर्डर – यह हमारे नुकसान से बचने के लिए प्रयोग किए जाने वाले ऑर्डर हैं।
  7. जोखिम प्रबंधन :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) में सारे काम हो जाने के बाद हमें जोखिम प्रबंधन की कोडिंग करनी होती है। जिसमें हम पहले से ही अपना जोखिम प्रबंधन का नियम लगा देते हैं। जैसे कि हमें नुकसान हो तो कितना रुपए का और अगर हमें फायदा हो तो कितने रुपए तक यह सारे कोड हमें पहले ही एल्गो ट्रेडिंग में लगानी होती है।
  8. हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) में हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेड होती है यह कुछ ही सेकंड में कई हजार ट्रेड कर सकता है और एल्गो ट्रेडिंग में बहुत छोटे मूल्य के बदलाव से भी हमें मुनाफा प्राप्त करके दे सकता है। इसलिए हमें उस शेयर्स में ट्रेड करना चाहिए जिसमें अत्यंत गति और तरलता हो।
  9. निरंतर अनुकूलन :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) का निर्माण हो जाने के बाद हमें नियमित तौर पर उसे अनुकूल करते रहना चाहिए। अर्थात हमें हमेशा अपने नियम में बदलाव करते रहना चाहिए। जिससे हमारा एल्गो ट्रेडिंग सेटअप और अच्छे से और सही तरीके से कार्य कर सके जिससे हमें निरंतर मुनाफा प्राप्त हो सके।
  10. मानवीय हस्तक्षेप :— जैसा कि आप लोगो को पता है कि एल्गो ट्रेडिंग स्वचालित होती है, लेकिन एल्गो ट्रेडिंग में हमेशा निगरानी की आवश्यकता होती है। अगर एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) में किसी प्रकार की गलती हमें देखने को मिले तो उसे सुधार लेना चाहिए और उसे हमेशा मानव हस्तक्षेप के बीच में रखना चाहिए जिससे उसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) की विशेषताएं –

एल्गो ट्रेंडिंग की एक अपनी अलग बात होती है जो हम इंसान के हाथ में नहीं है। इसकी कुछ विशेषताएं हैं इसके बारे में मैने नीचे बताया हुआ है:—

  1. गति और सटीकता :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) की गति अत्यंत अधिक होती है और उसकी सटकता भी बहुत अच्छी होती है। यह आसानी से और जल्द ही बहुत सारे ट्रेड कर सकता है जो हम इंसानों की बस की बात नहीं है। साथ ही सटीकता और गति होने कारण ट्रेडिंग से गलतियां कम होती है।
  2. भावनाओं का अभाव :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) करते समय भावनाओं का अभाव होता है क्योंकि यह ट्रेडिंग कंप्यूटर प्रोग्राम के द्वारा होता है किसी इंसान के द्वारा नहीं। इस कारण इसमें मानवीय भावनाएं जैसे डर, लालच, घबराहट यह सारी चीज उत्पन्न नहीं होती।
  3. स्वचालित प्रक्रिया :— एल्गी ट्रेंडिंग की यह मुख्य विशेषता है कि यह स्वचालित प्रक्रिया है। इसमें हमें किसी भी प्रकार की मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती। यह स्वयं ट्रेडिंग का काम सरलता और कुशलता से करता है।
  4. बाजार की छोटी-मोटी अस्थिरताओं का फायदा उठाना :— अक्सर हम ट्रेडिंग करते हैं तो बाजार की छोटी-मोटी उतार-चढ़ाव का फायदा नहीं उठा पाते लेकिन एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) का प्रयोग करके हम बाजार की छोटी-मोटी उतार-चढ़ाव का भी फायदा उठा सकते हैं।
  5. बड़े पैमाने पर डेटा का विश्लेषण :— एल्गोरिथम का प्रयोग करके हम बाजार की बड़ी मात्रा में डाटा का विश्लेषण आसानी से कर सकते हैं और विभिन्न संकेतों के आधार पर हम एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) के माध्यम से खरीदी और बिक्री कर सकते हैं।
  6. नियमितता और अनुशासन :— हम मानव ट्रेडिंग करते समय अनुशासनहीन हो जाते हैं जबकि जब हम एल्गो ट्रेडिंग का प्रयोग करते हैं तो ट्रेडिंग में नियमितता और अनुशासन दिखने लगता है। जिसके कारण हमारा ट्रेडिंग बहुत अच्छे से होता है और इससे हमें मुनाफा अधिक प्राप्त होता है।
  7. कम लागत और समय की बचत :— एल्गी ट्रेंडिंग का प्रयोग करने से हम अपने समय की बचत कर सकते हैं और साथ ही इसकी लागत भी काम आती है यह इसका प्रमुख विशेषता है।
  8. हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) की सुविधा :— एल्गी ट्रेंडिंग का जब हम प्रयोग करते हैं तो इसमें हमें हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेड देखने को मिलती है यह कुछ ही सेकंड में बहुत सारे ट्रेड कर सकता है। जबकि हम मानव सामान्य रूप से ट्रेड करते हैं जिसके कारण कुछ ट्रेड कर सकते हैं।
  9. जोखिम प्रबंधन :— जोखिम प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक होता है ट्रेडिंग में जो हम मानव के लिए थोड़ा कठिन होता है क्योंकि हमारी जोखिम प्रबंधन की क्षमता उतनी अधिक नहीं होती जितना एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) के द्वारा हम डिजाइन किए होते हैं। इस कारण एल्गो ट्रेडिंग का प्रयोग करके हम जोखिम प्रबंधन को आसानी से और सही तरीके से प्रयोग कर सकते हैं।
  10. अनुकूलन और लचीलापन :— एल्गी ट्रेंडिंग का प्रोग्राम करके हम ट्रेडिंग में अनुकूलन और लचीलापन ला सकते हैं क्योंकि यह एल्गोरिथम द्वारा काम करता है तो इसे परिवर्तित करना आसान है।

एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) के प्रकार –

एल्गी ट्रेंडिंग करने के कई प्रकार होते हैं और अलग-अलग रणनीतियां होती है जिनमें से कुछ के बारे में मैं नीचे बताया हुआ है:—

  1. आर्बिट्राज ट्रेडिंग :— एल्गी ट्रेंडिंग का प्रयोग करके हम आसानी से आर्बिट्राज ट्रेडिंग कर सकते हैं क्योंकि इसकी तेजी इतनी अधिक होती है यह कुछ ही सेकंड में मूल्य का अंतर ढूंढ कर उसमें मूल्य का अंतर का फायदा उठाकर हमें मुनाफा प्राप्त करके दे सकता है।
  2. मार्केट मेकिंग :— एल्गी ट्रेंडिंग का प्रयोग हम मार्केट मेकिंग रणनीति के लिए कर सकते हैं। इसमें हम किसी विशेष स्टॉक की खरीदी और बिक्री दोनों के लिए लगातार बोली लगाते हैं जिससे हम वे बिड–ऑफ स्प्रेड का फायदा उठा सकते हैं।
  3. ट्रेंड फॉलोइंग स्ट्रेटेजी :— ट्रेड फॉलो स्ट्रेटजी में एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) बाजार की ट्रेंड्स को पड़ती है और अपने एल्गोरिदम का प्रयोग करके बाजार की तेजी और मंडी के ट्रेंड को पहचान कर उसमें ट्रेडिंग करता है।
  4. वॉल्यूम-औसत प्राइस स्ट्रेटेजी (VWAP) :— एल्गी ट्रेंडिंग का प्रयोग करके हम वॉल्यूम एवरेज प्राइस स्ट्रेटजी में स्टॉक की औसत कीमत के आधार पर ट्रेडिंग कर सकते हैं।
  5. हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) :— एल्गी ट्रेंडिंग हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेड के लिए सबसे ज्यादा फेमस है इसमें हम किसी स्ट्रेटजी का प्रयोग करके हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेड लेते हैं और मूल्य के अंतर का फायदा उठाते हैं।

एल्गो ट्रेडिंग के फायदे –

एल्गी ट्रेंडिंग का प्रयोग करने से हमें बहुत सारे फायदे मिलते हैं जिनमें से कुछ फायदा के बारे में मैने नीचे बताया हुआ है:—

  1. तेज़ी और सटीकता :— कंप्यूटर प्रोग्राम का प्रयोग करके हम एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) करते हैं जिसके कारण यह अत्यंत तेजी से और सटीकता से काम करता है जिससे गलती होने की संभावना अत्यंत कम होती है।
  2. लोअर ट्रांजैक्शन कॉस्ट :— एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) का प्रयोग करके हम अपने ट्रांजैक्शन की लागत को कम कर सकते हैं क्योंकि इसमें मानव हस्तक्षेप नहीं होते यह मुख्यतः बड़ी निवेशकों के लिए फायदेमंद होता है।
  3. मानव भावनाओं का अभाव :— ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा नुकसान हम मानव की भावनाओं के कारण होती है किंतु हम जब एल्गो ट्रेडिंग का प्रयोग करते हैं तो इसमें मानव भावनाओं का अभाव होता है जिसके कारण हमें एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) का फायदा दिखता है।
  4. बाजार की अस्थिरता का फायदा :— बाजार की अस्थिरता और छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव का फायदा हम मानव नहीं उठा सकते किंतु एल्गो ट्रेडिंग के द्वारा इस अस्थिरता का फायदा उठाकर हम मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

एल्गो ट्रेडिंग के नुकसान –

एल्गो ट्रेंडिंग करने के कुछ नुकसान है इसके बारे में मैंने आपको नीचे बताया हुआ है:—

  1. तकनीकी समस्याएं :— जब एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) करते हैं तो हम तकनीकी उपकरण और इंटरनेट पर निर्भर रहते है। यदि किसी कारणवश वह तकनीकी उपकरण या इंटरनेट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होती है तो हमें ट्रेडिंग में बड़ा नुकसान हो सकता है। यह एक एल्गो ट्रेडिंग की सबसे बड़ा नुकसान है।
  2. बाजार की अनिश्चितता :— जैसा कि आप लोगों को पता है बाजार में अनिश्चित होती है और कब बाजार किस दिशा में चला जाए यह पहले से हमें नहीं पता होता है। लेकिन एल्गो ट्रेडिंग में हमने पहले से कुछ नियम बनाकर रखे हुए हैं ऐसी स्थिति में एल्गो ट्रेडिंग सही फैसला नहीं ले सकते और हमें बड़ा नुकसान हो सकता है।
  3. संभावित बाजार अस्थिरता :— आज के समय में बड़े निवेशक एल्गो ट्रेडिंग का प्रयोग करते हैं जिसके कारण बाजार में अस्थिरता बढ़ जाती है और अचानक से तेजी या गिरावट एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) के वजह से भी आती है।

एल्गो ट्रेडिंग का भविष्य

एल्गो ट्रेंडिंग का भविष्य अत्यंत उज्जवल हमें दिखाई दे रही है क्योंकि आज के इस बढ़ते टेक्नोलॉजी के प्रयोग से हमें डाटा एनालिसिस की ताकत एल्गो ट्रेडिंग में देखने को मिलती है। आने वाले समय में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी प्रयोग हम एल्गो ट्रेडिंग में करेंगे जिससे यह और बुद्धिमान एवं कुशल बनने लगेगा।

निष्कर्ष –

एल्गो ट्रेंडिंग (Algo Trading) आज के समय में हमारे लिए एक अत्यंत आवश्यक तकनीक बन चुकी है इसका प्रयोग करने से हमें अधिक तेजी और सटीकता से ट्रेडिंग करने की सुविधा प्राप्त होती है। हां यह बात है कि इसमें कुछ जोखिम भी है पर यह और बेहतर होना प्रारंभ करेगा और हमें एक शक्तिशाली उपकरण साबित होकर दिखाएगा।

READ MORE : – वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) क्या है।

FAQs –

एल्गो ट्रेडिंग क्या है?

एल्गो ट्रेडिंग (Algorithmic Trading) वह प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम और एल्गोरिदम का उपयोग करके वित्तीय बाजारों में स्वचालित रूप से खरीदने और बेचने के आदेश दिए जाते हैं। यह मैन्युअल ट्रेडिंग की तुलना में तेज, सटीक और अधिक कुशल होता है।

एल्गो ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

एल्गो ट्रेडिंग एक प्रोग्राम पर आधारित होती है जिसमें नियम तय होते हैं कि कब खरीदना या बेचना है। ये नियम बाजार के रीयल-टाइम डेटा जैसे मूल्य, समय, वॉल्यूम, और तकनीकी संकेतकों पर आधारित होते हैं। जब ये शर्तें पूरी होती हैं, तब प्रोग्राम स्वचालित रूप से ऑर्डर निष्पादित करता है।

क्या एल्गो ट्रेडिंग केवल बड़े निवेशकों के लिए है?

पहले यह तकनीक बड़े वित्तीय संस्थानों और हेज फंड्स के लिए अधिक आम थी, लेकिन आजकल कई ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एल्गो ट्रेडिंग के टूल्स छोटे निवेशकों और व्यक्तिगत ट्रेडर्स को भी प्रदान कर रहे हैं।

एल्गो ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?

तेजी और सटीकता से ट्रेडिंग ऑर्डर निष्पादित होती है।
वनात्मक फैसलों से बचा जा सकता है।
यह बाजार के छोटे अवसरों का फायदा उठाने में सक्षम है।
इसमें रिस्क मैनेजमेंट और अनुशासन बेहतर होता है।

क्या एल्गो ट्रेडिंग जोखिम भरी है?

हां, एल्गो ट्रेडिंग में भी जोखिम होते हैं। अगर प्रोग्राम गलत तरीके से डिज़ाइन किया गया है या बाजार में अचानक बड़ी अस्थिरता आती है, तो यह नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए, सही बैकटेस्टिंग और जोखिम प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण हैं।

क्या मुझे कोडिंग आनी चाहिए एल्गो ट्रेडिंग करने के लिए?

कुछ मामलों में, कोडिंग का ज्ञान फायदेमंद हो सकता है, खासकर यदि आप खुद अपने एल्गोरिदम डिजाइन करना चाहते हैं। हालांकि, कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्री-बिल्ट एल्गो और ड्रैग-एंड-ड्रॉप टूल्स प्रदान करते हैं, जिनका उपयोग बिना कोडिंग ज्ञान के भी किया जा सकता है।

एल्गो ट्रेडिंग के लिए कौन से प्लेटफॉर्म लोकप्रिय हैं?

कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एल्गो ट्रेडिंग के लिए सुविधाएं प्रदान करते हैं, जैसे:
Zerodha Streak (भारत में लोकप्रिय)

क्या एल्गो ट्रेडिंग कानूनी है?

हां, एल्गो ट्रेडिंग अधिकांश देशों में कानूनी है, लेकिन इसमें नियामक नियमों का पालन करना अनिवार्य है। विभिन्न देशों के अलग-अलग नियम होते हैं, इसलिए स्थानीय नियमों को समझना और उनका पालन करना महत्वपूर्ण है।

क्या एल्गो ट्रेडिंग में मुझे लगातार ट्रेडिंग मॉनिटर करनी होती है?

नहीं, एल्गो ट्रेडिंग स्वचालित होती है, इसलिए इसे लगातार मॉनिटर करने की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, नियमित रूप से इसकी निगरानी करना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रोग्राम सही तरीके से काम कर रहा है और किसी गड़बड़ी का सामना न करना पड़े।

क्या एल्गो ट्रेडिंग हमेशा लाभदायक होती है?

नहीं, एल्गो ट्रेडिंग का फायदा तभी मिलता है जब एल्गोरिदम अच्छे से डिज़ाइन किया गया हो और बाजार की सही स्थितियों में लागू किया जाए। यह जरूरी नहीं है कि हर बार मुनाफा हो; बाजार की अस्थिरता और गलत एल्गोरिदम डिज़ाइन से नुकसान भी हो सकता है।

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