Share Bazar Me Technical Analysis Aur Fundamental Analysis Me Antar

शेयर बाजार में टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस का अंतर Difference between technical and fundamental analysis in stock market

जब हम शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में सोचते हैं तो हमें दो प्रमुख तरीकों का उपयोग करना होता है। पहला तरीका होता है टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) और दूसरा तरीका फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)। इन दोनों तरीकों का उपयोग करके हम निवेश के लिए सही निर्णय ले सकते हैं। इन दोनों तरीकों का उपयोग भिन्न होता है तो आइए इन दोनों के बीच के अंतर के बारे में हम विस्तार से जानते हैं।

Table of Contents

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) क्या है?

टेक्निकल एनालिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम किसी स्टॉक के चार्ट और ग्राफ को देखकर भविष्य में होने वाले तेजी या गिरावट को हम पूर्वानुमान लगाते हैं। टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) में हम यह देखने की कोशिश करते हैं कि शेयर्स के दाम बढ़ाने वाले हैं या शेयर्स के दाम गिरने वाले हैं।

टेक्निकल एनालिसिस की प्रमुख बातें:

टेक्निकल एनालिसिस की कुछ प्रमुख बातें होती हैं जिनमें से कुछ प्रमुख बातें मैंने नीचे आप लोगों को बताया हुआ है :—

  • चार्ट्स और ग्राफ्स का उपयोग :— टेक्निकल एनालिसिस जब हम करते हैं तो हम किसी स्टॉक की चार्ट्स और ग्राफ को देखकर भविष्य में क्या होने वाली है उसका पूर्वानुमान लगते हैं। टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट और ग्राफी का विशेष उपयोग होता है।
  • प्राइस मूवमेंट और ट्रेडिंग वॉल्यूम :— टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) करते समय हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि शेयर्स के दाम किस दिशा में जा रहा है और उसका वॉल्यूम कितना बढ़ रहा है क्योंकि टेक्निकल एनालिसिस में प्राइस मूवमेंट और ट्रेडिंग वॉल्यूम महत्वपूर्ण होते हैं।
  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग :— जैसा कि आपको पता है कि टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग हम शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए करते हैं। इससे हम निवेशक कम समय में टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा अधिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस :— टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) करते समय हमें सपोर्ट और रिजेक्शन लेवल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सपोर्ट लेवल पर जब दम गिरकर आता है और वहां रुकता है तो वहां हमें खरीदी करना चाहिए और रिजेक्शन लेवल जहां दाम बढ़ाकर जाता है जहां से गिरना प्रारंभ होता है वहां पर हमें बिक्री करना चाहिए।
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टेक्निकल एनालिसिस के प्रमुख उपकरण:

टेक्निकल एनालिसिस करने के बहुत सारे प्रमुख उपकरण होते हैं जिनमें से कुछ उपकरण के बारे में मैंने आपको नीचे बताया हुआ है:—

  • मूविंग एवरेज :— टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) में मूविंग एवरेज का अत्यंत महत्व होता है मूविंग एवरेज अपने शेयर्स के पिछले दामों का औसत निकालकर हमें यह बताता है की कीमत किस दिशा में जा रही है इससे हमें बाजार की ट्रेड का पता चलता है।
  • आरएसआई (Relative Strength Index) :— रिलेटिव स्ट्रैंथ इंडेक्स हमें यह बताता है कि शेयर्स महंगा है या सस्ता अर्थात अगर शेयर्स ओवरबॉट जोन में है तो इसका मतलब है कि शेयर्स महंगा हो चुका है और यहां से एक गिरावट आ सकती है। जब शेयर्स ओवरसोल्ड जोन में होता है तो हमें यह बताता है कि यह शेयर्स ज्यादा गिर चुका है अब यहां से एक ऑफसाइड मोमेंटम आ सकती है।
  • बोलिंजर बैंड्स :— बॉलिंजर बैंड्स हमें कीमत के उतार-चढ़ाव को माप कर बताता है कि यह अपने औसत कीमत से कितना ऊपर चल रहा है या अपने औसत कीमत से कितने नीचे चल रहा है। इससे हम टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) करके शेयर में खरीदी एवं बिक्री कर सकते हैं।

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) क्या है?

फंडामेंटल एनालिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम किसी कंपनी के वित्तीय पहलू को ध्यान में रखकर उस शेयर के सही कीमत निकालने की कोशिश करते हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि कंपनी की वास्तविक स्थिति और क्षमता क्या है? जिससे हमें कंपनी में निवेश करने से फायदा हो गया नहीं। इसके बारे में हम फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

फंडामेंटल एनालिसिस की प्रमुख बातें:

फंडामेंटल एनालिसिस की कुछ प्रमुख बातें होती हैं जिनके बारे में मैने विस्तार से आपको नीचे बताया हुआ है:—

  • वित्तीय विवरणों का अध्ययन :— फंडामेंटल एनालिसिस में हम किसी कंपनी की वित्तीय विवरण का अध्ययन करते हैं जैसे बैलेंसशीट, आय–व्यय और कैश फ्लो। यह वित्तीय विवरण हमें कंपनी के बारे में यह बताता है कि कंपनी अच्छी है या नहीं।
  • दीर्घकालिक निवेश :— फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि हम जब दीर्घकालीन निवेश करना चाहते हैं तो हमें फंडामेंटल एनालिसिस का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जब कंपनी अच्छी होती है तो भविष्य में वह अच्छा परफॉर्म करने की क्षमता रखती है। जिसके कारण दीर्घकालीन निवेश के लिए हमें फंडामेंटल एनालिसिस आवश्यक है।
  • आर्थिक कारक :— फंडामेंटल एनालिसिस में हम कंपनी की बाहरी आर्थिक कारक के बारे में भी अध्ययन करते हैं। जैसे की आर्थिक स्थिति, ब्याज की दरें, सरकार की नीतियां इत्यादि इन सभी चीजों के बारे में भी हमें अध्ययन करना होता है।
  • कंपनी के प्रबंधन का मूल्यांकन :— फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) के अंदर हम कंपनी के प्रबंधन का भी मूल्यांकन करते हैं कि कंपनी का प्रबंध कैसा है और किस प्रकार आगे बढ़ रहा है। जिससे हमें कंपनी में भविष्य में क्या हो सकती है इसके बारे में जानकारी ज्ञात होती है।

फंडामेंटल एनालिसिस के प्रमुख उपकरण:

जब हम फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) करते हैं तो उसके कुछ प्रमुख उपकरण का भी ज्ञात हमें होना चाहिए उसके बारे में मैंने आपको नीचे बताया हुआ है:—

  • पी/ई रेशियो (Price to Earnings Ratio) :— यह हमें कंपनी की शेयर्स की कीमत और उसकी प्रति शेयर आय का अनुपात बताता है। यह रेशियो से हमें यह पता चलता है कि कंपनी का शेयर्स अभी महंगा है या सस्ता।
  • ईपीएस (Earnings Per Share) :— अर्निंग पर शेयर्स कंपनी की कुल आय को अगर हम कंपनी के कुल शेयर्स की संख्या से विभाजित करते हैं तो हमें यह पता चलता है कि कंपनी एक शेयर्स के लिए कितना रुपए कंपनी कमाई कर रही है।
  • डिविडेंड यील्ड :— यह हमें बताता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों को कितना रुपए डिविडेंड दे रही है यह प्रतिशत शेयर्स के मौजूदा कीमत से निकलता है।

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में प्रमुख अंतर

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) और फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) में कुछ प्रमुख अंतर हैं जिनके बारे में मैने नीचे आपको बताया हुआ है:—

  1. मूल आधार :— टेक्निकल एनालिसिस का मूल आधार होता है कीमत और ट्रेडिंग वैल्यू का विश्लेषण करना यह शॉर्ट टर्म के लिए होता है। जबकि फंडामेंटल एनालिसिस का मुख्य आधार होता है वित्तीय स्थिति प्रबंधन का आकलन करना यह दीर्घकालीन होता है।
  2. समयावधि :— टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग हम शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म के लिए करते हैं। जबकि फंडामेंटल एनालिसिस का प्रयोग हम दीर्घकालीन निवेश के लिए करते हैं।
  3. उपयोगकर्ता :— टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग मुख्य रूप से ट्रेडर्स के द्वारा किया जाता है। जबकि फंडामेंटल एनालिसिस का प्रयोग मुख्य तौर पर निवेशकों द्वारा किया जाता है जो लंबे अवधि के लिए निवेश करते हैं।
  4. डेटा का स्रोत :— टेक्निकल एनालिसिस में हम मुख्य रूप से प्राइस मोमेंटम, वॉल्यूम, चार्ट पेटर्न्स, इंडिकेटर यह सभी चीजों का प्रयोग करते हैं। जबकि हम फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) में वित्तीय विवरण, आय विवरण, इत्यादि को प्रमुख डाटा का स्रोत बनाते हैं।
  5. एनालिसिस के उपकरण :— टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) में हम मुख्य रूप से चार्ट, ट्रेंड, सपोर्ट और रिजेक्शन, इंडिकेटर का प्रयोग उपकरण के रूप में करते हैं। जबकि हम फंडामेंटल एनालिसिस में P/E RATIO, P/B RATIO, डिविडेंड यील्ड इत्यादि उपकरण का प्रयोग करते हैं।
  6. उद्देश्य :— टेक्निकल एनालिसिस का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि किसी शेयर्स को कब खरीदना चाहिए और कब बेचना चाहिए। यह बाजार के ट्रेंड के आधार पर होता है। यह हमें सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद करता है। जबकि फंडामेंटल एनालिसिस में हम किसी कंपनी के शेयर्स के वास्तविक कीमत का निर्धारण करते हैं और उसमें वर्तमान में निवेश किया जा सकता है या नहीं यह पता लगते हैं।
  7. जोखिम :— टेक्निकल एनालिसिस में जोखिम अत्यधिक होता है क्योंकि यह बाजार के रुझानों पर आधारित होता है अगर हम गलत ट्रेड करते हैं तो हमें नुकसान होता है। जबकि फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) करके हम जो निवेश करते हैं उसमें जोखिम अत्यंत कम मात्रा में होता है क्योंकि हम इसमें दीर्घकालीन दृष्टिकोण रखते हैं।
  8. लाभ :— टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग करके हम कम समय में तेजी से लाभ लेने की कोशिश करते हैं। यह हमें इंडिकेटर और चार्ट्स के द्वारा आने वाली तेजी को दिखाता है। इस कारण हमें निर्णय लेने में फायदा मिलता है। जबकि फंडामेंटल एनालिसिस दीर्घकालिक निवेशकों के लिए होता है तो यह हमें अच्छे शेयर्स में निवेश करने के लिए प्रेरित करता है।

कौन सा एनालिसिस बेहतर है?

फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस में कौन सा बेहतर है यह ट्रेडर्स या निवेशक पर निर्भर करता है कि वह आगे क्या करना चाहता है। अगर आप कम समय में अधिक लाभ कमाना चाहते हैं तो आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते हैं लेकिन आपको दीर्घकालीन निवेश करना है तो आपको फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) करनी चाहिए।

हाइब्रिड एप्रोच

कुछ ट्रेडर्स या निवेशक ऐसे भी होते हैं जो टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों का प्रयोग करते हैं। इसे हम हाइब्रिड अप्रोच कहते हैं इसमें ट्रेडर्स या निवेशक पहले कंपनी का दीर्घकालीन मूल्यांकन करते हैं उसके बाद उसमें टेक्निकल एनालिसिस करके शॉर्ट टर्म एंट्री और एग्जिट करके बार-बार बड़ा मुनाफा निकाल लेते हैं।

उदाहरण :— आप किसी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं और आपको यह देखने को मिलता है कि वह कंपनी आर्थिक रूप से अत्यंत मजबूत है और उसका भविष्य अत्यंत ही उज्जवल है। तो आप दीर्घकालीन निवेश करने के लिए उस शेयर्स पर नजर रख सकते हैं। अब आप आगे फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) के बाद टेक्निकल एनालिसिस करते हैं और टेक्निकल एनालिसिस करके आपको एक सही समय का चुनाव करना होता है। टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) में जब आपको प्रवेश मिलता है तब आप वहां पर शेयर में एंट्री कर सकते हैं जिसमें आपको जल्द ही ज्यादा मुनाफा प्राप्त हो जाएगी और आप गलत जगह निवेश करने से बच जाएंगे।

निष्कर्ष

टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों ही बाजार के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं इन दोनों का सही से उपयोग करके अब अधिक लाभ कमा सकते हैं। फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) में आपको कंपनी की वास्तविक मूल्य का ज्ञात करना होता है। जबकि टेक्निकल एनालिसिस में बाजार के ट्रेंड को पकड़ने में आसानी होता है इन दोनों तरीकों का प्रयोग करके आप आसानी से बाजार में जल्दी मुनाफा प्राप्त कर पाएंगे।

READ MORE : – वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) क्या है।

FAQs

टेक्निकल एनालिसिस क्या है?

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) शेयर के पिछले दाम, ट्रेडिंग वॉल्यूम और चार्ट्स के आधार पर भविष्य में कीमत का अनुमान लगाने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य शॉर्ट-टर्म में ट्रेडिंग निर्णय लेना है।

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) क्या है?

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति, प्रबंधन, बाजार में स्थिति और भविष्य की संभावनाओं के आधार पर उसके शेयर की सही कीमत का आकलन करता है। यह दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयोगी होता है।

टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है?

टेक्निकल एनालिसिस पिछले प्राइस डेटा और चार्ट्स पर आधारित होता है, जबकि फंडामेंटल एनालिसिस कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट्स, प्रबंधन और इंडस्ट्री ट्रेंड्स पर ध्यान केंद्रित करता है।
टेक्निकल एनालिसिस शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए उपयोगी है, जबकि फंडामेंटल एनालिसिस लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए बेहतर है।

फंडामेंटल एनालिसिस किसके लिए उपयोगी है?

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) उन निवेशकों के लिए उपयोगी है जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण से किसी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं और कंपनी की वित्तीय स्थिरता व भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान देते हैं।

क्या टेक्निकल एनालिसिस केवल शेयर बाजार के लिए है?

नहीं, टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) का उपयोग अन्य वित्तीय बाजारों जैसे कि फॉरेक्स, कमोडिटी और क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में भी किया जा सकता है।

क्या टेक्निकल एनालिसिस नए निवेशकों के लिए अच्छा है?

नए निवेशकों के लिए टेक्निकल एनालिसिस सीखना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें चार्ट्स और टूल्स का गहरा ज्ञान होना चाहिए। लेकिन सही गाइडेंस और प्रैक्टिस से इसे सीखा जा सकता है।

क्या टेक्निकल एनालिसिस से 100% सही भविष्यवाणी की जा सकती है?

नहीं, टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) भविष्यवाणी का एक साधन है, लेकिन यह 100% सटीक नहीं होता। यह केवल संभावनाओं पर आधारित होता है और बाजार में हमेशा जोखिम रहता है।

कौन सा एनालिसिस बेहतर है?

यह निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के निवेशक हैं। अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडर हैं, तो टेक्निकल एनालिसिस आपके लिए बेहतर हो सकता है। अगर आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) आपके लिए सही होगा।

क्या एक ही समय में टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग किया जा सकता है?

हां, कई निवेशक हाइब्रिड एप्रोच का उपयोग करते हैं, जिसमें वे फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) से कंपनी का मूल्यांकन करते हैं और टेक्निकल एनालिसिस से सही समय पर खरीद और बिक्री करते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में सबसे महत्वपूर्ण चार्ट कौन से हैं?

सबसे आम चार्ट्स कैंडलस्टिक चार्ट, लाइन चार्ट, और बार चार्ट होते हैं। इनमें कैंडलस्टिक चार्ट सबसे अधिक उपयोग किया जाता है क्योंकि यह ट्रेडिंग के रुझानों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

टेक्निकल एनालिसिस में सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या है?

सपोर्ट वह स्तर होता है जहां किसी शेयर की कीमत गिरने से रुक जाती है और रेजिस्टेंस वह स्तर होता है जहां कीमत बढ़ने से रुक जाती है। इन स्तरों को जानकर निवेशक सही समय पर खरीद या बिक्री कर सकते हैं।

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