डिलीवरी ट्रेडिंग परिचय – Delivery Trading Introduction
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?, स्विंग ट्रेडिंग क्या है?, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शन ट्रेडिंग डिलीवरी ट्रेडिंग । डिलीवरी ट्रेडिंग एक निवेश की विधि है जहां किसी भी शेयर को खरीद कर उसे कुछ समय के लिए या लंबी अवधि के लिए अपने पास रख सकते हैं डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) में उस शेयर को उसी दिन बेचने की आवश्यकता नहीं होती है । डिलीवरी ट्रेडिंग लंबे अवधि वाले निवेशकों को अत्यधिक लोकप्रिय होती है।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है? – What is delivery trading?
ट्रेडिंग में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती हैं जिसमें हम आज डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) क्या है जानेंगे। डिलीवरी ट्रेडिंग का अर्थ होता है जब आप किसी शेयर को खरीदते हैं और वह शेयर आपके डिमैट अकाउंट में आ जाता है तब उस शेयर के आप मालिक बन जाते हैं। शेयर डिमैट अकाउंट में आने के बाद आप उसे शेयर को जितने दिन चाहे अपने पास होल्ड कर सकते हैं इसे तुरंत बेचने की आवश्यकता नहीं होती है । आप उस शेयर को लंबे अवधि के लिए रखते हैं और आप यह उम्मीद करते हैं कि उस शेयर का मूल्य बढ़ेगा और आपको मुनाफा होगा यही डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) कहलाता है।
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे काम करती है? – How does delivery trading work?
शेयर खरीदना – डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) में सबसे पहले आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में किसी शेयर को उसकी मूल्य देकर खरीदने हैं और उसे अपने पास रखते हैं।
शेयर सेटलमेंट – अगर उसे खरीदे हुए शेर को आप अपने पास रखते हैं तो वह आपके डिमैट अकाउंट में एक से दो दिन में आ जाता है इसे हम शेयर सेटलमेंट भी कहते हैं।
शेयर होल्डिंग – शेयर का सेटलमेंट हो जाने के बाद वह आपको डिमैट अकाउंट में दिखाना प्रारंभ कर देता है अब आप उसे जितने दिन चाहे उतना दिन होल्ड कर सकते हैं कुछ दिन कुछ साल या कई सौ साल।
शेयर बेचना – शेयर होल्डिंग करने के बाद जब आपको लगता है कि आपको आपकी इच्छा के अनुसार शेयर का मूल्य बढ़ाते हुए नजर आ रहा है तब आप उस शेयर को अपने डिमैट अकाउंट में जाकर बेच सकते हैं और मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
डिलीवरी ट्रेडिंग के लाभ – Benefits of Delivery Trading
लंबी अवधि का लाभ – डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) करने पर आपको लंबे अवधि का लाभ प्राप्त होता है अर्थात अगर बाजार में उतार चढ़ाव आता है तब आपको नुकसान नहीं होता अगर नुकसान होता है तो उसे आप ज्यादा दिन होल्ड करके अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डिविडेंड – डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) में आप उसे शेयर को होल्ड करके रखते हैं अर्थात आप उसे कंपनी के मालिक बन चुके हैं इस कारण कंपनी आपको उस शेयर को होल्ड करने के लिए कुछ लाभांश अर्थात डिविडेंड देता है इससे आपको अतिरिक्त मुनाफा होता है।
कमीशन और शुल्क – डिलीवरी ट्रेडिंग करने पर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के मुकाबले कमीशन और शुल्क अत्यंत कम देना होता है इस कारण डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) फायदेमंद है।
लोअर रिस्क – डिलीवरी ट्रेडिंग में रिस्क अत्यंत कम होता है क्योंकि आप उस शेयर को लंबे समय के लिए होल्ड करके रखे हैं तो आपको दिन प्रतिदिन बाजार के उतार-चढ़ाव से कोई चिंता नहीं होती है।
डिलीवरी ट्रेडिंग के जोखिम – Risks of Delivery Trading
मार्केट रिस्क – डिलीवरी ट्रेडिंग में कुछ जोखिम भी होती हैं अगर बाजार अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है तो इसके कारण आपका शेयर का मूल्य कम होने लगता है जिससे आपको नुकसान होता है।
लिक्विडिटी रिस्क – डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) में एक मुख्य जोखिम होता है लिक्विडिटी का अर्थात आप ऐसे शेयर का चयन किए हैं जिनमें लिक्विडिटी की कमी है तब आप उस शेयर को बेच नहीं पाएंगे इससे आपको दिक्कत उत्पन्न हो सकती है।
लंबी अवधि की प्रतिबद्धता – डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको शेयर अत्यंत लंबे समय के लिए अपने पास रखना होता है और अगर इस बीच में उस शेयर की कीमत में बढ़त नहीं होती है तब आपको कोई मुनाफा नहीं होता है और साथ ही आपका पैसा लंबे समय के लिए उस शेयर में फंस जाता है यह डिलीवरी ट्रेडिंग का मुख्य जोखिम है।
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? – How to start delivery trading?
ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट खोलें – डिलीवरी ट्रेडिंग शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट खोलना होगा । कुछ अच्छे ब्रोकर यह सारी फैसिलिटी देते हैं उन सारे ब्रोकर के लिंक मैंने नीचे दिए हुए हैं वहां से जाकर आप अपना अकाउंट ओपन कर सकते हैं।
शेयर चुनें – डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए जब आप अकाउंट ओपन कर लेते हैं उसके बाद आपको कुछ अच्छे कंपनी के शेयर का चयन करना होता हैं शेयर चुनने में कोई भी गलती आपको नहीं करनी है।
शेयर खरीदें – अच्छे कंपनी का शेयर चयन कर लेने के बाद आपको शेयर खरीदना प्रारंभ करना होता है इसके लिए आप अपने डिमैट अकाउंट में पैसा डालकर उस शेयर को खरीद सकते हैं।
शेयर की निगरानी करें – शेयर खरीदने के बाद वह शेयर आपके अकाउंट में एक से दो दिन में आ जाएगा उसके बाद आपको हमेशा उस शेयर की निगरानी करते रहना चाहिए कि बाजार में उसे शेयर की स्थिति कैसी है।
शेयर बेचें – शेयर का मूल्य आपके लक्ष्य के अनुसार आ जाता है और आपको उस शेयर में अत्यधिक मुनाफा दिखना प्रारंभ हो जाता है तब आप अपने डिमैट अकाउंट में जाकर उस शेयर को बेच दें, शेयर को बेचने के पश्चात वह अमाउंट आपके डिमैट अकाउंट में आ जाएगा और आपको मुनाफा होगा।
डिलीवरी ट्रेडिंग में सफलता के टिप्स – Tips for success in delivery trading
- वित्तीय शिक्षा – डिलीवरी ट्रेडिंग में अगर आपको सफलता प्राप्त करनी है तो आपको बाजार और वित्तीय शिक्षा की जानकारी नियमित रूप से होना चाहिए।
- धैर्य – डिलीवरी ट्रेडिंग में सफलता का यह बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप जितना धैर्य रखेंगे उतना ही ज्यादा आपको लाभ प्राप्ति हो सकते हैं।
- विविधता – डिलीवरी ट्रेडिंग में आप अपने पोर्टफोलियो मैं विविधता बनाए रखें अर्थात आप अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग सेक्टर के और अलग-अलग कंपनी के शेयर रखें ताकि आपको रिस्क कम हो।
- अनुशासन –अनुशासन प्रत्यक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है यह स्टॉक मार्केट में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अनुशासन की आवश्यकता जरूर होगी आप अपने निवेश के निर्णय हमेशा अपने अनुशासन के अनुसार ही बनाएं।
निष्कर्ष – Conclusion
डिलीवरी ट्रेडिंग निवेश में एक सुरक्षित विधि है जो आपको लंबे समय में अच्छा लाभ प्रदान करती है इसे प्रारंभ करने के लिए आपको पर्याप्त ज्ञान और धैर्य की आवश्यकता होगी साथ ही आपको सही शोध और अनुशासन की आवश्यकता होगी तभी जाकर आप डिलीवरी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त कर पाएंगे।
FAQs
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है?
डिलीवरी ट्रेडिंग एक प्रकार की स्टॉक ट्रेडिंग है जिसमें ट्रेडर स्टॉक खरीदते हैं और उसे अपने डीमेट खाते में डिलीवर करते हैं, आजीवन के लिए या फिर निर्धारित समय के लिए।
डिलीवरी और इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
डिलीवरी ट्रेडिंग में ट्रेडर शेयर्स को खरीदता है और उन्हें अपने खाते में डिलीवर करता है, जबकि इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर एक ही दिन में शेयर्स खरीदता और बेचता है, बिना शेयर्स को अपने खाते में डिलीवर किए।
डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए क्या आवश्यक है?
डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए आपके पास एक डीमेट खाता होना आवश्यक है जिसके माध्यम से आप स्टॉक्स को खरीद और बेच सकते हैं।
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे क्या हैं?
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे में शामिल हैं लंबे समय के लिए निवेश की संभावना, वॉलेट में स्थिरता, और निवेश के साथ रिस्क कमी।
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान क्या हो सकते हैं?
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान में शामिल हैं निवेश के लंबे समय तक बंध रहना, स्थिर फिरौती के नुकसान का सामना करना, और बाजार में उतार-चढ़ाव के खतरे का सामना करना।