What Is Equity Trading – इक्विटी ट्रेडिंग क्या है ?

What Is Equity Trading - इक्विटी ट्रेडिंग क्या है
What Is Equity Trading – इक्विटी ट्रेडिंग क्या है

Table of Contents

इक्विटी ट्रेडिंग क्या है – What is equity trading?

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading), ट्रेडिंग की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ट्रेडर्स या इन्वेस्टर या निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदने और बेचते हैं। जब हम कंपनी का शेयर खरीदने हैं तो हमें उस कंपनी का एक छोटा सा हिस्सा के रूप में मालिकाना हक प्राप्त होता है, इसी को हम इक्विटी कहते हैं । इक्विटी खरीद लेने के बाद कंपनी का विकास और लाभ में हिस्सा पाने का अधिकार होता है। निवेशक या इन्वेस्टर उस कंपनी के शेयर कब खरीदेंगे यह उसके ऊपर रहता है। निवेशक बाजार में मौजूद शेयर की कीमत को देखकर यह फैसला करता है कि उसे उस शेयर को कब खरीदना है और कब बेचना है, जिससे उसे मुनाफा प्राप्त हो सके

इक्विटी ट्रेडिंग की परिभाषा – Definition of equity trading

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) वह प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक मार्केट में लिस्ट कंपनी की खरीदी और बिक्री होती है। इक्विटी ट्रेडिंग में निवेशक और ट्रेडर किसी शेयर के उतार-चढ़ाव को देखकर उसके कीमत के बदलाव का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। निवेशक कम दाम में उसे शेयर को खरीद लेते हैं और उसके बढ़ाने के बाद उसे बेचकर मुनाफा प्राप्त करता है

इक्विटी और शेयर्स में अंतर – Difference between equity and shares

प्रायः देखा जाता है कि लोग इक्विटी और शेयर को एक ही समझने की गलती करते हैं लेकिन इन दोनों में थोड़ा सा अंतर होता है जो नीचे मैंने बताया हुआ है :—

इक्विटी क्या है? – What is equity?

इक्विटी का अर्थ होता है किसी कंपनी में मालिकाना हक प्राप्त करना। जब हम किसी कंपनी में निवेश करते हैं तो उस कंपनी का इक्विटी शेयर हम खरीदते हैं और उसके बाद कंपनी के लाभ और संपत्ति में हमारा हिस्सेदारी बन जाता है। इक्विटी निवेशक कंपनी के ग्रोथ और डिविडेंड के रूप में फायदा उठाते हैं। साथ ही कंपनी के बाजार मूल्य के बढ़ने के साथ-साथ इक्विटी का मूल्य भी बढ़ता है जिससे निवेशकों को फायदा होती है।

शेयर्स क्या हैं? – What are shares?

शेयर्स का अर्थ होता है किसी कंपनी का पूंजी का वह हिस्सा जो निवेशक बाजार से खरीदना है। शेयर्स कंपनी के पूंजी का एक भाग है जिसे कुल पूंजी के साथ भाग किया हुआ है। जो कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होता है, उसके खरीदी और बिक्री नंबर के आधार पर होता है वही नंबर शेयर कहलाते हैं।

इक्विटी ट्रेडिंग का इतिहास – History of equity trading

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) का इतिहास अत्यंत पुराना है, इक्विटी ट्रेडिंग का प्रारंभ 17 सी शताब्दी में हुआ था । यह तब प्रारंभ हुआ था जब दुनिया की सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज एम्सटर्डम स्टॉक एक्सचेंज (1965) की स्थापना हुई थी। इस एक्सचेंज में टच ईस्ट इंडिया कंपनी के शेर की ट्रेडिंग होती थी। इसके बाद धीरे-धीरे दुनिया के कई हिस्सों में स्टॉक एक्सचेंज खुलना प्रारंभ होने लगा। 18 वीं शताब्दी के आते-आते लंदन और न्यूयॉर्क प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बने। लेकिन आज के समय में सारे स्टॉक एक्सचेंज इलेक्ट्रॉनिक हो चुके हैं जिसमें निवेशक कभी भी और कहीं भी ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं

इक्विटी मार्केट का महत्व – Importance of equity market

इक्विटी मार्केट का महत्व अत्यंत विशाल है इसका महत्व वैश्विक अर्थव्यवस्था में अत्यधिक है। इक्विटी मार्केट के होने से कंपनी आसानी से फंड जुटाना में सक्षम होती है, साथ ही निवेशकों को बाजार से मुनाफा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करते हैं। इक्विटी मार्केट की वजह से कंपनी अपना पूंजी बढ़ता है और व्यापार में लगाकर व्यापार को विस्तार करती है जिससे निवेशकों के निवेश किए हुए पूंजी भी बढ़ने लगती है

इक्विटी ट्रेडिंग कैसे काम करती है? – How does equity trading work?

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) में निवेशक और ट्रेडर बाजार में लिस्टेड कंपनी की खरीदी और बिक्री करते हैं यह प्रक्रिया किस प्रकार होती है नीचे मैंने बताया है :—

बाजार में शेर की लिस्टिंग :—

सर्वप्रथम कंपनी अपना शेयर्स को बाजार में लिस्ट करती है । कंपनी को बाजार में लिस्ट करने के लिए उसे सार्वजनिक रूप में आना पड़ता है।

शेयर की खरीदी बिक्री:—

कंपनी के बाजार में लिस्ट हो जाने के बाद उसे निवेशक या ट्रेडर द्वारा खरीदी और बिक्री किया जाता है।

बाजार का अध्ययन :—

निवेशकों को किसी कंपनी में निवेश करना है तो सबसे पहले उसे बाजार का अध्ययन करना होता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी है? कंपनी क्या काम करती है? और यह सब अध्ययन कर लेने के बाद निवेशक उसमें कब और कैसे निवेश करेगा यह निर्धारित करता है।

ब्रोकर की भूमिका – Role of a broker

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करने में ब्रोकर की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ब्रोकर वह होता है जो कंपनी और निवेशक के बीच में शेयर की खरीदी और बिक्री को आसान बनाता है। ब्रोकर के जरिए निवेशक आदेश देता है कि उसे कौन सा शेयर खरीदना और बेचना है। ब्रोकर कभी-कभी ग्राहकों को ट्रेडिंग की सलाह भी देता है और सही समय में निवेश करने के लिए मदद करता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स – Online trading platforms

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करने के लिए हमें ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है। यह प्लेटफॉर्म निवेशकों को बाजार में कभी भी और कहीं भी ट्रेडिंग करने की सुविधा प्रदान करता है। UPSTOX, ANGELONE जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेशक आसानी से खाता खोल सकते हैं और कंप्यूटर या मोबाइल में जाकर ट्रेड कर सकते हैं। यह ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बाजार के आंकड़े और विश्लेषण को दिखाता है जिससे निवेशक बेहतर निर्णय ले सके

इक्विटी ट्रेडिंग के प्रकार – Types of equity trading

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) कई प्रकार से किया जा सकता है, निवेशक अपने रणनीति और समय को ध्यान में रखते हुए निम्न ट्रेडिंग कर सकते हैं:

इंट्राडे ट्रेडिंग – Intraday trading

इंट्राडे ट्रेडिंग ऐसा ट्रेडिंग होता है जहां ट्रेडर्स एक ही दिन में शेयर को खरीदता है और उसी दिन उस शेयर को बेच देता है। इसमें मुनाफा अधिक बनती है किंतु इसमें जोखिम भी अधिक मात्रा में होता है।

स्विंग ट्रेडिंग – Swing trading

स्विंग ट्रेडिंग एक अत्यंत आसान ट्रेडिंग होता है इसमें निवेशक कुछ दिनों के लिए या कुछ हफ्तों के लिए किसी कंपनी का शेयर को होल्ड करता है। शेयर को कम कीमतों में खरीद कर उसके बढ़ाने के बाद उसे बेचा जाता है, जिससे अच्छा मुनाफा प्राप्त हो जाता है।

पोजिशनल ट्रेडिंग – Positional trading

पोजीशनल ट्रेडिंग को सबसे सरल और अच्छा माना जाता है। इसमें निवेशक लंबे अवधि के लिए शेयर को खरीदना है। यह कुछ महीनो का हो सकता है इसमें निवेशक को अधिक मुनाफा प्राप्त होता है

इक्विटी ट्रेडिंग के फायदे – Advantages of equity trading

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करने के बहुत सारे फायदे होते हैं जिनमें से कुछ नीचे मैं बताने वाला हूं :—

  1. अधिक मुनाफा :— इक्विटी ट्रेडिंग में कम समय में अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है अगर आप सही समय पर किसी अच्छे शेयर में निवेश करते हैं तो जल्द ही बड़ा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता हैं।
  2. लिक्विडिटी :— किसी शेयर को खरीदने और बेचने के लिए लिक्विडिटी की आवश्यकता होती है । अगर किसी शेयर में लिक्विडिटी ना हो तो उसे हम खरीद या बेच नहीं सकते इक्विटी ट्रेडिंग में लिक्विडिटी की मात्रा अत्यधिक होती है।
  3. डिविडेंड :— कंपनी हमेशा अपने शेयर धारकों को डिविडेंड के रूप में कुछ न कुछ रुपए देता रहता है। डिविडेंड निवेश पर अतिरिक्त इनकम होता है यह उन्हें ही मिलता है जो उस कंपनी के कुछ शेयर्स होल्ड करके रखे हैं।
  4. न्यूनतम निवेश :— इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) में हम किसी भी शेयर को खरीद सकते हैं । इसमें अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं होती हम किसी कंपनी के एक शेयर भी खरीद सकते हैं

इक्विटी ट्रेडिंग के जोखिम – Risks of equity trading

इक्विटी ट्रेडिंग में लाभ तो होता ही है किंतु कुछ उसके जोखिम भी है जिसके बारे में नीचे मैंने बताया हुआ है:—

  1. उतार-चढ़ाव :— शेयर की कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव होने के कारण निवेशक को नुकसान हो सकता है। जिसके कारण निवेशकों को जोखिम उठाना पड़ सकता है।
  2. गलत एंट्री :— इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करते समय अगर हम किसी गलत जगह शेयर को बाय कर लेते हैं उसके कारण हमें नुकसान हो सकता है। अगर हम किसी कंपनी के शेयर को महंगे दाम में खरीद लेते हैं और उसका मूल्य दिन प्रतिदिन घटते जाता है तो यह निवेशक के लिए नुकसानदायक होता है, जिसके कारण निवेशक को पूंजी हानि की जोखिम होती है।
  3. भावनात्मक निर्णय :— इक्विटी ट्रेडिंग करते समय निवेशक अपने भावनाओं में आकर हमेशा गलत निर्णय लेते हैं जिससे उन्हें नुकसान होता है। यह निवेशकों के लिए एक जोखिम होता है

इक्विटी ट्रेडिंग रणनीतियाँ – Equity trading strategies

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करने के लिए कुछ रणनीतियां होती है जिनमें से कुछ मैंने नीचे बताया हुआ है :—

मूल्यांकन पर आधारित रणनीति – Strategies based on valuation

मूल्यांकन पर आधारित रणनीति में निवेशक कंपनी के वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करता है और यह देखता है कि कंपनी भविष्य में अच्छा कर सकता है या नहीं । अगर निवेशक को लगता है कि कंपनी भविष्य में अच्छा ग्रोथ कर सकता है तो निवेशक उस कंपनी में अपना पूंजी निवेश करता है और कंपनी के ग्रोथ के साथ-साथ निवेशक की पूंजी में भी ग्रोथ होना प्रारंभ हो जाता है यह अत्यंत सरल एवं आसान रणनीति होती है।

तकनीकी विश्लेषण पर आधारित रणनीति – Strategies based on technical analysis

तकनीकी विश्लेषण पर आधारित रणनीति - Strategies based on technical analysis

टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर हम बाजार में निवेश करने से पहले कुछ संकेत और पैटर्न को ध्यान में रखते हैं। वे चार्ट्स, ट्रेडिंग वॉल्यूम और मूविंग एवरेज जैसे तकनीकी संकेत हो सकते हैं । तकनीकी विश्लेषण का प्रयोग निवेशक और ट्रेडर्स प्रायः स्विंग ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए प्रयोग करते हैं क्योंकि तकनीकी विश्लेषण छोटे समय अवधि के लिए होता है

इक्विटी ट्रेडिंग के उपकरण – Tools for equity trading

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करने के लिए हमें कुछ उपकरण की आवश्यकता होती है जिससे हम बेहतर निवेश कर सकें इसके बारे में मैने नीचे बताया हुआ है :—

स्टॉक चार्ट्स – Stock charts

स्टॉक चार्ट्स का प्रयोग हम ट्रेडिंग और निवेश के लिए करते हैं । स्टॉक चार्ट का प्रयोग करके हम शेयर किस दिशा में जाने वाली है इसका पता लगा सकते हैं। स्टॉक चार्ट्स का प्रयोग करके हम शेयर के पेटर्न्स और ट्रेंड्स को आसानी से पहचान सकते हैं। स्टॉक चार्ट्स को देखकर हम उस शेयर के पुराने उतार-चढ़ाव का विश्लेषण आसानी से कर सकते हैं।

ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर – Trading software

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) करने के लिए हमें ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है । बिना ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर के हम ट्रेडिंग नहीं कर सकते। आज के समय में ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। यह ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हमें ट्रेडिंग करने की सुविधा प्राप्त करती है। ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में हम ट्रेडर्स मार्केट को लाइव देख सकते हैं और हमारा सेटअप बनने पर तुरंत ट्रेड कर सकते हैं

शुरुआत करने के टिप्स – Tips for starting

इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) की शुरुआत करने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है यहां मैं कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हुए हैं :—

  1. बाजार का अध्ययन करना :— इक्विटी ट्रेडिंग में सफल होने के लिए हमें बाजार का अध्ययन करना अत्यंत आवश्यक है। बाजार का अध्ययन करने से हमें यह पता चलता है कि शेयर किस दिशा में जा सकती है और उसमें निवेश करके हम मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
  2. छोटे पूंजी से प्रारंभ :— शुरुआत में हमें बड़े निवेश से बचना चाहिए और छोटे-छोटे पूंजी लगाकर हमें ट्रेडिंग या निवेश करनी चाहिए। अगर हम बड़े पूंजी से प्रारंभ करते हैं तो हमें बड़ा नुकसान हो सकता है। किंतु हम अगर छोटे पूंजी से प्रारंभ करते हैं तो हमें हमारी गलतियों से अनुभव प्राप्त होगा एवं जोखिम कम रहेगी। धीरे-धीरे अनुभव बढ़ता जाएगा तो आप निवेश को भी बढ़ा सकते हैं और अधिक मात्रा में मुनाफा प्राप्त कर पाएंगे।
  3. विविधता बनाए रखना :— पूंजी निवेश करते समय आप हमेशा विविधता बनाए रखें। एक ही सेक्टर या एक ही कंपनी के शेयर कभी भी बाय न करें। हमेशा आपको विविधता बनाए रखना चाहिए और अलग-अलग कंपनी और अलग-अलग सेक्टर के शेयर ही खरीदने चाहिए जिससे अगर आपको किसी में नुकसान होता है तो किसी में आपको फायदा भी होगा।
  4. भावनात्मक फसलों से बचना:— शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करते समय हमेशा आप संयम बनाकर रखें। भावनाओं में आकर जल्दबाजी में निर्णय कभी ना लें इससे आपको नुकसान हो सकता है। भावनाओं में आकर जब भी आप निवेश या ट्रेडिंग करेंगे तो आपका निर्णय गलत साबित होगा जिससे आपको बाद में पछतावा होगा। इस कारण आप भावना में आकर फैसला न लें हमेशा सोच समझ कर ही निवेश करें

निष्कर्ष – Conclusion

इक्विटी ट्रेडिंग एक लाभकारी एवं रोमांचक तरीका होता है इसमें आप आसानी से बड़ा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं लेकिन हमेशा याद रखें कि इसमें आपको नुकसान भी हो सकता है। इक्विटी ट्रेडिंग (Equity Trading) में मुनाफा प्राप्त करने के लिए आपको बाजार का अध्ययन करना आवश्यक है। इक्विटी ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपको धैर्य,अध्ययन और सही निर्णय लेना आना चाहिए । जब आप सही समय पर सही निर्णय लेते हैं और बाजार की स्थिति को आसानी से समझ लेते हैं तो आप इक्विटी ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त कर लेंगे

READ MORE : – वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) क्या है।

FAQs

इक्विटी ट्रेडिंग क्या है?

इक्विटी ट्रेडिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कंपनियों के शेयर्स की खरीद-फरोख्त की जाती है।

इक्विटी और शेयर्स में क्या अंतर है?

इक्विटी का मतलब होता है कंपनी में आपका मालिकाना हक, जबकि शेयर्स वह इकाई हैं, जिन्हें आप बाजार में खरीदते हैं।

इक्विटी ट्रेडिंग में कितनी जोखिम होती है?

इक्विटी ट्रेडिंग में जोखिम होती है क्योंकि शेयर की कीमतें बाजार के उतार-चढ़ाव के अनुसार बदलती हैं।

इक्विटी मार्केट का महत्व क्या है?

इक्विटी मार्केट कंपनियों को पूंजी जुटाने और निवेशकों को मुनाफा कमाने का मौका देता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है?

इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेशक एक ही दिन के अंदर शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं।

स्टॉप-लॉस क्या होता है?

स्टॉप-लॉस वह कीमत होती है जिस पर निवेशक अपने नुकसान को सीमित करने के लिए अपने शेयर्स को बेचते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग और पोजिशनल ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग में निवेशक कुछ दिनों या हफ्तों के लिए निवेश करते हैं, जबकि पोजिशनल ट्रेडिंग में वे लंबे समय के लिए शेयर्स होल्ड करते हैं।

क्या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से ट्रेडिंग करना सुरक्षित है?

हां, लेकिन आपको प्रमाणित और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करना चाहिए।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कितना पूंजी आवश्यक है?

आप कम पूंजी से भी निवेश शुरू कर सकते हैं, लेकिन उचित जोखिम प्रबंधन और विविधता बनाकर निवेश करना जरूरी होता है।

क्या इक्विटी ट्रेडिंग से मुनाफा कमाना संभव है?

हां, अगर आप सही रणनीति और धैर्य से ट्रेडिंग करते हैं, तो इक्विटी ट्रेडिंग से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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