स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है | What Is Scalping Trading

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है | What Is Scalping Trading

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें की बहुत ही कम समय के अंदर लाभ कमाने की कोशिश की जाती है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को बाजार के छोटे-छोटे मोमेंट्स पर ध्यान रखना पड़ता है और इस मूवमेंट के आधार पर ट्रेड से करना होता है और हर ट्रेड से थोड़ा-थोड़ा करके मुनाफा कमाना होता है। यह रणनीति शेयर बाजार, फॉरेक्स, कमोडिटी और क्रिप्टोकरंसी जैसे विभिन्न प्रकार की बाजारों में भी काम करती है। इसमें हम स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानेंगे।

इसके क्या-क्या फायदे होते हैं और इसके क्या जोखिम है। इन सब बातों को समझेंगे और साथ ही स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) किस प्रकार से की जाती है इसके कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी देखेंगे।

Table of Contents

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) क्या है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) एक प्रकार की इंट्राडे ट्रेडिंग होती है। जिसमें ट्रेडर्स बहुत ही कम समय के लिए ट्रेड करता है। जैसे कि कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक ही ट्रेड करता है।और उसमें से ही अपना मुनाफा कमा लेता है ।इस ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य छोटी कीमतों की चलो से लाभ कमाना होता है। जैसा कि ट्रेडर्स कम समय में ही मुनाफा कमा लेते हैं। स्केलपर्स बड़ी संख्या में छोटे-छोटे ट्रेड्स करते हैं और हर ट्रेड से छोटे-छोटे मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं।

उदाहरण के लिए यदि किसी स्टॉक की कीमत ₹200 से बढ़कर 200.50 रुपए हो जाती है और स्कैल्पर उस दौरान उस स्टॉक को खरीद और बेचकर 0.50 रुपए का लाभ कमा लेता है, तो इस प्रकार के ट्रेडिंग को स्कैल्पिंग कहा जाएगा। इस प्रक्रिया को बहुत बार दोहराई जाती है जिससे कि छोटे-छोटे मुनाफे की राशि एकत्र हो जाए। और इससे एक बड़ा मुनाफा बन सके।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के लाभ

तेजी से मुनाफा :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में कम समय में ही बहुत तेजी से मुनाफा कमाया जा सकता है, क्योंकि ट्रेडिंग का समय इसमें बहुत ही कम होता है। इसलिए कुछ मिनट में ही ट्रेंडर द्वारा अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना होती है। अगर सही समय पर सही एंट्री और एग्जिट ली जाए तो एक दिन में ही कई छोटे-छोटे मुनाफे कमाए जा सकते हैं, जिससे कि बड़ा मुनाफा बन सकता है।

जोखिम कम :— स्कैल्पिंग में बाजार के बड़े-बड़े उतार-चढ़ाव का खतरा कम होता है, जबकि लंबे समय के निवेश में उतार-चढ़ाव का जोखिम ज्यादा होता है।स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में ट्रेडर्स द्वारा कुछ मिनट में ही मुनाफा कमाया जाता है, जिससे कि बड़े नुकसान होने का खतरा कम हो जाता है।

मार्केट पर कम समय की निर्भरता :— स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) बहुत ही कम समय के लिए किया जाता है। जिसके वजह से आपको दिन भर बाजार में उपस्थित रहने की जरूरत नहीं होती है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में आप अपनी योजना के अनुसार दिन के किसी भी समय में कुछ घंटे तक के लिए ट्रेड कर सकते हैं, इस प्रकार की ट्रेडिंग उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है जो पूरे दिन ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के नुकसान

समय और ध्यान की आवश्यकता :— इस प्रकार की ट्रेडिंग बहुत ही कम समय के लिए की जाती है। जिसके कारण यह ट्रेडिंग बहुत तेजी से होती है। और इसके लिए आपको लगातार मार्केट की गतिविधियों पर नजर रखना होता है ।ताकि कोई भी गलती आपसे ना हो सके क्योंकि छोटी सी गलती से आपको बहुत भारी नुकसान हो सकता है, इस प्रकार की ट्रेडिंग में आपको तुरंत और तेजी से ही निर्णय लेना होता है। और इसमें बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।

ट्रेडिंग फीस और कमीशन :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में बहुत सारे ट्रेड किए जाते हैं। इसलिए हर ट्रेड में लगने वाली फीस और उसके साथ ही कमीशन का भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। कई बार आपका जितना मुनाफा हुआ रहता है, उससे ज्यादा फीस और कमीशन हो जाता है, जिससे कि आपको मुनाफा के जगह हानि हो सकती है।

मानसिक तनाव :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को बहुत तेजी से ही अपना निर्णय लेना होता है, जिसके वजह से यह ट्रेडिंग मानसिक रूप से बहुत ही तनावपूर्ण हो सकती है। ट्रेडर्स को कई बार लगातार स्क्रीन पर नजर गड़ाए हुए रखना पड़ता है, ताकि उन्हें हानि ना हो इससे आपकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) कैसे करें?

सही बाजार चुनें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए किसी भी प्रकार के बाजार का चयन किया जा सकता है, जैसे कि शेयर बाजार, फॉरेक्स बाजार, क्रिप्टोकरेंसीआदि। लेकिन बाजार का चयन करते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए, कि जिस बाजार में आप स्कैल्पिंग कर रहे हैं। उस बाजार में खरीदार और विक्रेता की संख्या अधिक से अधिक हो। जिससे कि आपको आसानी से उसे बाजार में एंट्री और एग्जिट मिल सकती है।

समय सीमा (Time Frame) चुनें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में आपको छोटे समय सीमा के अंतर्गत चार्ट का उपयोग किया जाता है, जैसे की 1- मिनट, 5- मिनट, या 20- मिनट का चार्ट। बाजार की कीमतें तेजी से किस प्रकार बदल रही है, इस बात की जानकारी आपको चार्ट के जरिए मिलती है, जिससे कि आप तेजी से ट्रेड कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं।

तकनीकी एनालिसिस का उपयोग करें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए तकनीकी एनालिसिस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जिसके लिए आप विभिन्न प्रकार की इंडिकेटर जैसे मूविंग एवरेज, रिलेटिव स्ट्रैंथ इंडेक्स, बोलिंजर बैंड का उपयोग कर सकते हैं। इन इंडिकेटरों की सहायता से आप बाजार के ट्रेड को समझ सकते हैं, और सही समय पर एंट्री ले सकते हैं। और सही समय पर ही एग्जिट ले सकते हैं, जिससे कि आपको मुनाफा हो सकता है। इन इंडिकेटरों की सहायता से आपको तेजी से निर्णय लेने में सहायता मिलती है।

रिस्क मैनेजमेंट करें :— जैसा कि आपको पता है इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स छोटे मुनाफा के लिए कई बार ट्रेड करते हैं, जिससे कि रिस्क लेने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए स्काल्पिंग ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है। इसलिए ट्रेडर्स को अपने हर ट्रेड पर एक निश्चित राशि का ही जोखिम लेना चाहिए। ट्रेडर को स्टॉप लॉस का उपयोग सही तरीके से करना चाहिए, ताकि यदि बाजार आपकी योजना की विपरीत चलता है, तो आपको भारी नुकसान ना हो।

अनुशासन बनाए रखें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर को अनुशासन बनाए रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। आपको अपनी बनाई गई योजना पर अटल रहना चाहिए और बिना भावनात्मक हुए ट्रेडर को ट्रेड करना चाहिए। कभी-कभी ऐसा होता है, कि ट्रेडर्स को लगातार नुकसान हो सकता है, इसके बावजूद भी आपको अपनी योजना का पालन करना चाहिए और धैर्य बनाकर रखना चाहिए। नुकसान होने पर ट्रेडर्स को घबराना नहीं चाहिए। इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग में अनुशासन बनाए रखना बहुत ही आवश्यक होता है।

तेज इंटरनेट और बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर को बहुत ही तेजी से ट्रेड करना होता है। इसके लिए आपको एक तेज इंटरनेट कनेक्शन और एक बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है। अगर धीमा इंटरनेट या खराब प्लेटफार्म रहेगा, तो आपको ट्रेड करने में देरी होगी। जिससे कि आपको मुनाफे की जगह हानि हो सकती है।

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स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

सीमित स्टॉक्स पर ध्यान दें :— स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में बहुत ज्यादा स्टॉप पर ध्यान देने की जगह आपको कुछ अच्छे और बेहतरीन या फिर फॉरेक्स पेयर जैसे स्टॉक पर ही ध्यान देना चाहिए। जिससे कि आपको उनके मूवमेंट को अच्छे से समझने में मदद मिलेगी और आप सही समय पर अपना सही निर्णय ले पाएंगे जिससे कि आप मुनाफा कमा सकते हैं।

छोटे मुनाफे से संतुष्ट रहें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग का उद्देश्य होता है, छोटे-छोटे समय में छोटे-छोटे मुनाफे कमाना इसलिए इसमें आपको बड़े मुनाफे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उसकी बजाय आपको छोटे-छोटे मुनाफा से ही संतुष्ट होना चाहिए। समय के साथ ही यह छोटे मुनाफे बड़े मुनाफे में बदल सकते हैं।

प्रैक्टिस करें :— इस प्रकार की ट्रेडिंग में आपको सफलता पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा अभ्यास की जरूरत होती है, क्योंकि इसमें बहुत ही कम समय में ट्रेडर को ट्रेड करना होता है। और मुनाफा कमाना होता है। जिसके लिए अभ्यास की जरूरत बहुत ज्यादा होती है। आप शुरू में डेमो अकाउंट पर ही प्रेक्टिस कर सकते हैं, जिससे कि आपको बाजार की चाल को समझने में मदद मिले और आप बिना जोखिम के ही अपनी योजना को परख सके और लाभ कमा सके।

ट्रेडिंग सत्र का चयन करें :— हर बाजार के लिए कोई एक विशेष समय होता है, जिसमें वह सबसे ज्यादा सक्रिय होता है। स्कैल्पिंग के लिए आपको बाजार के उस समय को चुनना होता है, जब वॉल्यूम और वॉलेटिलीटी अधिक हो। जैसा कि उदाहरण के लिए शेयर बाजार में शुरुआती और समापन के कुछ घंटे बहुत ही सक्रिय होते हैं, इन सब पर आपको ध्यान देना चाहिए।

निष्कर्ष

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) बहुत ही रोचक ट्रेडिंग है, किंतु यह चुनौती पूर्ण ट्रेडिंग भी है। जो छोटा-छोटा मुनाफा के जरिए ही तेजी से बड़ा मुनाफा कमाने का अवसर देती है, हालांकि इसमें खतरा भी बहुत होता है। इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपको तेजी से निर्णय देने की क्षमता, मार्केट की अच्छी समझ, और अनुशासन के साथ-साथ धैर्य की जरूरत होती है। अगर आप सही तरीके से रिस्क मैनेजमेंट का पालन करते हुए और तकनीकी एनालिसिस का उपयोग करते हुए ट्रेडिंग करेंगे तो स्काल्पिंग ट्रेडिंग में आपका बहुत अच्छा मुनाफा बन सकता है।

READ MORE : – वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) क्या है।

FAQs

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) क्या होती है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) एक ऐसी रणनीति है जिसमें ट्रेडर बाजार में छोटे-छोटे मूवमेंट्स का फायदा उठाकर बहुत कम समय में कई बार खरीद और बिक्री करता है। इसका उद्देश्य छोटे मुनाफे को बार-बार कमा कर कुल लाभ बढ़ाना होता है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग किस प्रकार के बाजार में की जा सकती है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग शेयर बाजार, फॉरेक्स, कमोडिटी और क्रिप्टोकरेंसी जैसे विभिन्न बाजारों में की जा सकती है। लेकिन इसके लिए लिक्विडिटी वाले बाजारों का चयन करना बेहतर होता है ताकि तेजी से एंट्री और एग्जिट ली जा सके।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के लिए कौन से चार्ट और इंडिकेटर्स उपयोगी होते हैं?

स्कैल्पिंग के लिए छोटे समय सीमा (1-मिनट, 5-मिनट) के चार्ट्स उपयोगी होते हैं। प्रमुख इंडिकेटर्स में मूविंग एवरेज (Moving Average), RSI (Relative Strength Index), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands), और VWAP (Volume Weighted Average Price) शामिल हैं।

क्या स्कैल्पिंग ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए सही है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकती है क्योंकि इसमें तेजी से निर्णय लेने और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। नए ट्रेडर्स को पहले प्रैक्टिस और बाजार को समझने की सलाह दी जाती है, ताकि वे अपनी रणनीति को बेहतर बना सकें।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में कितना समय देना पड़ता है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में काफी समय और ध्यान देना पड़ता है। एक स्कैल्पर को लगातार बाजार की चाल पर नजर रखनी होती है और तेजी से ट्रेड्स करना होता है। इसलिए यह समय की दृष्टि से मांगलिक हो सकता है।

क्या स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में स्टॉप लॉस का इस्तेमाल जरूरी है?

हां, स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। चूंकि इसमें कई ट्रेड्स किए जाते हैं और बाजार बहुत तेजी से बदल सकता है, इसलिए बड़े नुकसान से बचने के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग किया जाता है।

स्कैल्पिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्कैल्पिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग दोनों ही दिन के भीतर ट्रेड करने की रणनीतियाँ हैं, लेकिन स्कैल्पिंग में बहुत छोटे समय के लिए ट्रेड किया जाता है, जैसे कि कुछ सेकंड या मिनटों तक। वहीं, इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर एक दिन में कुछ घंटे तक पोजीशन ले सकता है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के लिए कौन से प्लेटफॉर्म सबसे अच्छे होते हैं?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के लिए ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनना चाहिए जो तेज़ और विश्वसनीय हों, जैसे कि Zerodha, Upstox, या Interactive Brokers। ये प्लेटफॉर्म तेजी से ऑर्डर एग्जिक्यूशन और तकनीकी चार्ट्स की सुविधा प्रदान करते हैं।

क्या स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में मुनाफा हमेशा होता है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में मुनाफा लगातार नहीं होता। चूंकि यह बाजार की छोटी-छोटी चालों पर आधारित है, इसलिए कभी-कभी नुकसान भी हो सकता है। यह जरूरी है कि आप रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान दें और सही रणनीति का पालन करें।

क्या स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के लिए कोई न्यूनतम निवेश राशि की जरूरत होती है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में न्यूनतम निवेश राशि बाजार और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निर्भर करती है। हालांकि, चूंकि इसमें कई ट्रेड्स होते हैं, तो आप छोटे पूंजी से भी शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन आपके पास पर्याप्त मार्जिन होना जरूरी है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में सफलता के लिए क्या जरूरी है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) में सफलता पाने के लिए तेज निर्णय लेने की क्षमता, तकनीकी एनालिसिस की अच्छी समझ, अनुशासन और धैर्य का होना जरूरी है। साथ ही, रिस्क मैनेजमेंट का पालन और सही समय पर एंट्री-एग्जिट लेना भी महत्वपूर्ण है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के लिए कौन सा समय सबसे अच्छा होता है?

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) के लिए वह समय सबसे अच्छा होता है जब बाजार में वॉल्यूम और वोलैटिलिटी अधिक हो। उदाहरण के लिए, शेयर बाजार में शुरुआती घंटों (सुबह) और समापन के कुछ घंटे (शाम) सक्रिय होते हैं, जब स्कैल्पिंग के अवसर अधिक होते हैं।

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